पार्थवी ने देखा विश्व का सबसे बड़ा रावण का पुतला Dashhra festival of Barara Haryana
उड़नखटोले पर आए श्रीराम, सबसे
बड़ा अहंकारी पलभर में खाक
बहुत दिनों से बराड़ा जिला अम्बाला नजदीक जिला यमुनानगर हरियाणा के मशहूर रावण दहन को देखने का प्लान कर चुके थे और पार्थवी ने परिवार व मासी शशि व अंकल के साथ दूर दूर से आये 50 हजार लोग
दशहरे के इस दिन व अनूठे मौके के गवाह बने, संभवत: अगले कुछ
दिनों में दुनिया के छह अरब लोग एक रिकार्ड के रूप में इसके बारे में किताबों में
जानेंगे। यहां 195 फुट के रावण का दहन हुआ। रावण की यह ऊंचाई
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
शायद बुराई की ऊंचाई किसी को अच्छी नहीं लगती लेकिन बराड़ा में
बुराई की यही ऊंचाई लोगों के लिए गर्व की बात बनी। हर किसी का रुख उस मैदान की तरफ
था जिसमें रावण का विशालकाय पुतला तना था। हालांकि मेघनाद व कुंभकरण के पुतले भी
लगाए गए थे लेकिन उनकी ऊंचाई कम होने के कारण उनकी चर्चा नहीं हुई।
दोसड़का शाहाबाद स्टेट हाइवे पर पांच किलोमीटर
तक जाम की स्थिति पैदा हो गई थी क्योंकि हजारों लोग रेलवे फ्लाईओवर पर ही खड़े
होकर रावण दहन का नजारा देखने के लिए डट गए थे। यही नहीं इस मैदान के पास से रेलवे
ने भी ट्रेन डेड स्लो गति से गुजारने के आदेश कर दिए थे। ताकि दहन देखने में खोई भीड़
के साथ कोई हादसा न हो जाए।
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी
क्षेत्र में जहां धूमधाम से मनाया गया वहीं बराड़ा में आयोजित दशहरे मेले में
विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले को जलता देखने के लिए अपार भीड़ एकत्रित हुई।
क्षेत्र में पिछले लगभग डेढ़ सप्ताह से शुरू हुई रामलीला का रोमांच आज सायं उस समय
चरम सीमा पर पहुंच गया जब श्री राम एवं रावण की सेना ने दशहरा मैदान में प्रवेश
किया। इसी बीच जैसे ही रावण के पुतले को श्री राम जी का तीर लगा वैसे ही श्री राम की
जय हो,
श्री राम की जय हो के उद्घोषों से वातावरण गूंजने लगा।
ज्ञात रहे कि श्री राम लीला क्लब द्वारा रामलीला आयोजन के 25 वर्ष पूरे होने पर इस बार दशहरा पर्व को रजत जयंती के रूप में मनाने का फैसला किया गया था। रजत जयंती को धूमधाम से मनाने के लिए क्लब ने पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जिसमें पहले दिन हास्य कवि सम्मेलन, दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर, तीसरे दिन सूफी गायक हंसराज हंस तथा चौथे दिन नौजवानों के दिलों की धड़कन पंजाबी गायक प्रीत हरपाल द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर क्षेत्रवासियों का खूब मनोरंजन किया गया। यहां के रामलीला क्लब के संस्थापक तेजिन्द्र चौहान की देखरेख में आयोजित इस दशहरे मेले का आकर्षण विश्व का सबसे ऊंचा 195 फुट रावण का पुतला था। क्लब सदस्यों द्वारा सुरक्षा के लिहाज से इस विशाल रावण के पुतले के आसपास लगभग 150 फुट के दायरे में बैरिकेट लगा दिए गए ताकि रावण दहन के समय फूटने वाले भयानक पटाखों से किसी प्रकार का किसी को नुकसान न पहुंच सके। दशहरा मेला कार्यक्रम के मुख्यातिथि महर्षि मारकण्डेशवर विश्वविद्यालय के चांसलर तरसेम गर्ग द्वारा रिमोट का बटन दबाकर रावण को आग के हवाले किया गया।
ज्ञात रहे कि श्री राम लीला क्लब द्वारा रामलीला आयोजन के 25 वर्ष पूरे होने पर इस बार दशहरा पर्व को रजत जयंती के रूप में मनाने का फैसला किया गया था। रजत जयंती को धूमधाम से मनाने के लिए क्लब ने पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जिसमें पहले दिन हास्य कवि सम्मेलन, दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर, तीसरे दिन सूफी गायक हंसराज हंस तथा चौथे दिन नौजवानों के दिलों की धड़कन पंजाबी गायक प्रीत हरपाल द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर क्षेत्रवासियों का खूब मनोरंजन किया गया। यहां के रामलीला क्लब के संस्थापक तेजिन्द्र चौहान की देखरेख में आयोजित इस दशहरे मेले का आकर्षण विश्व का सबसे ऊंचा 195 फुट रावण का पुतला था। क्लब सदस्यों द्वारा सुरक्षा के लिहाज से इस विशाल रावण के पुतले के आसपास लगभग 150 फुट के दायरे में बैरिकेट लगा दिए गए ताकि रावण दहन के समय फूटने वाले भयानक पटाखों से किसी प्रकार का किसी को नुकसान न पहुंच सके। दशहरा मेला कार्यक्रम के मुख्यातिथि महर्षि मारकण्डेशवर विश्वविद्यालय के चांसलर तरसेम गर्ग द्वारा रिमोट का बटन दबाकर रावण को आग के हवाले किया गया।
रोज़ाना शाम पांच बजे से शुरु होने वाले इन कार्यक्रमों
में सर्वप्रथम अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन आयोजित हुए । जिसमें अशोक चक्रधर, सुरेंद्र शर्मा व पापुलर मेरठी जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के याति प्राप्त
हास्य कवि अपने हास्य-व्यंग्य के बाण छोड़े। 21 अक्तूबर को
देश के जाने-माने जादूगार शंकर सम्राट दर्शकों का मनोरंजन करने हेतु अपनी कला के
हैरतअंगेज़ कारनामे दिखाए। इसी प्रकार 22 अक्तूबर की शाम
प्रसिद्ध सूफी गायक हंसराज हंस के नाम की जाएगी। जबकि 23 अक्तूबर
को देश के मशहूर पंजाबी गायक एवं नौजवान दिलों की धड़कन प्रीत हरपाल अपनी मनमोहक
आवाज़ व आकर्षक अंदाज़ में अपनी शानदार गायकी का प्रदर्शन किया। उक्त समस्त कार्यक्रम
सायंकाल 5 बजे से प्रतिदिन प्रारंभ हुए। चूंकि यह सभी कार्यक्रम आम जनता के मनोरंजन हेतु
आयोजित किये गए, अत: क्लब द्वारा इसमें आम लोगों को आमंत्रित किया जा गया। 24
अक्तूबर यानी विजयदशमी के दिन एक बार फिर दुनिया का सबसे ऊंचा रावण जिसकी
लंबाई इस वर्ष 195 फुट निर्धारित की गई है को अग्रि की भेंट
कर दिया गया। इस प्रकार श्री रामलीला क्लब बराड़ा इस वर्ष से पहली बार पांच दिवसीय
दशहरा महोत्सव का आयोजन कर इस पूरे आयोजन को एक विशाल मेले का रूप दिया। चौहान के
अनुसार विश्व के सबसे ऊंचे रावण के इस विशाल पुतले को समाज में व्याप्त तमाम
बुराईयों व कुरीतियों का प्रतीक मानकर उसका दहन किया जाता है। सांप्रदायिकता,
जातिवाद, दहेजप्रथा, कन्या
भ्रुण हत्या, आतंकवाद, भ्रष्टाचार,
मंहगाई, रिश्वतखोरी, अशिक्षा,
असमानता, जनसं या वृद्धि, मिलावटखोरी जैसी तमाम सामाजिक बुराईयों को रावण का यह विशाल पुतला प्रतिबिंबित
करता है।
चांसलर ने दबाया रिमोट
एमएम यूनिवर्सिटी के चांसलर तरसेम गर्ग ने 600 फुट दूर बनी स्टेज से शाम 6 बजकर 39 मिनट पर रिमोट का बटन दबाया। एक-एक कर पुतले के अंग धमाके के साथ फटने
लगे। पहले ताज, फिर तलवार, बाजू,
सिर और उसके बाद गर्दन के परखचे उड़े।
देखो वीडियो .........





