पार्थवी ने देखा जालियांवाला बाग,गोल्डन टेम्पल Amritsar
दो दिन की छुट्टी को मनाने के लिए पार्थवी चली अमृतसर देखने जालियांवाला बाग,गोल्डन टेम्पल
पार्थवी जब 1वर्ष की थी तब से ही घर मे लगी शहीद भगत सिंह जी की फोटो की तरफ आकर्षित होती है और भगत सिंह का नाम तब से ही साफ़ साफ़ बोल लेती है |
ईद के दिन स्कूल की छुट्टी थी अगले दिन इतवार ,बना कार्यक्रम और चल दिए अमृतसर को ,
प्रवेश जालियांवाला बाग
अमर ज्योती जला कर शहीदों को नमन
शहीद स्मारक याद दिलाता शहीदों की
गोली कांड का वर्णन
गोलियों के निशान
गोलियों के निशानयह वो कुआं है जहाँ जान बचाने के लिए लोग कूदते गए और दब कर ...
एक चित्र घटना को दर्शाता

ये जो साथ मे है
अंशवी दीदी
पार्थवी की चाची की बेटी
बाग को देखते हुवे
श्री दरबार साहिब ,स्वर्ण मंदिर अमृतसर मे मत्था टेका और शबद सुने फिर लंगर छका
फिर चले अपने घर को
कैसी लगी यात्रा ?











3 टिप्पणियां:
लंगर छका?
कहां है लंगर?
अच्छी लगी यह यात्रा।
क्या बात है... बहुत मस्ती की लगता है..
सिर्फ तस्वीर देखकर जलियाँ वाला की, आख में आंसू आ जाते है ..........उन शहीदों को नमन है | आपकी बेटी बड़ी प्यारी है ...........खुदा हर बला से महफूज़ रखे.......आमीन|
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