किसी गणितज्ञ ने अभाज्य संख्याएँ बनाने का सूत्र बनाया
p(n)=n2-n+41
और इस के बारे में कहा की इस् सूत्र से सदा अभाज्य संख्याएँ ही प्राप्त होंगी
सूत्र में n=1,2,3,4,5----------------40 रखने पर
p(1)=n2-n+41=1-1+41=41
p(1)=n2-n+41=4-2+41=43
p(3)=n2-n+41=9-3+41=47
p(4)=n2-n+41=16-4+41=53
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n=40
p(40)=n2-n+41=1600-40+41=1601
परन्तु जैसे ही n=41 रखा गया
p(41)=n2-n+41=(41)2-41+41=1681
प्राप्त हुआ जो कि अभाज्य संख्या नहीं है 1681 जो है 41 से पूरा पूरा विभाजित हो जाती है|
अत् n=40 के बाद यह सूत्र अभाज्य संख्या देने में असफल हो जाता है
और भी रोचक बात ,
n=1,2,3,4,5----------------40
रखने पर
41,43,47,53,61,71, --------------,1601 ( n=40 तक )
अभाज्य संख्याएँ प्राप्त होती है
इन अभाज्य संख्याओं में निम्न प्रकार से अंतर होता है |
2,4,6,8,10,12,14,16,--------------78.
अब आज का प्रश्न ये है कि किस महान गणितज्ञ ने
इस् p(n)=n2-n+41
द्वी-घात समीकरण को सर्वप्रथम नोटिस किया था ?
उत्तर :यूलर
उत्तर :यूलर

8 टिप्पणियां:
इसका नाम!!!
इसका नाम!!!
इसका नाम!!
...
पता नहीं।
GooooooooooooooooooooooooooooooooD.
इंदू जी,
वन्दे !
आपका ब्लोग देख कर तन में झुरझुरी छूट गई जी ! सच में घबरा गया !रूह तक कांप गई !
असल में मुझे गणित से बहुत डर लगता है !
वरिष्ठ अध्यापक हूं पर गणित से बहुत डराअ हूं !
आप यह सब कैसे कर पाती हैं !जिज्ञासा है !
खैर ! बधाई !
आपके ब्लोग पर आ कर अच्छा लग !
इंदु जी, पता करके आता हूँ।
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आपका सुनहरा भविष्यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्या जानते हैं?
इंदू जी, बहुत ही काम की बात बताई आपने। आभार।
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अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।
बहुत रूचिकर।
नव वर्ष की शुभकामनाएं।
रोचक
क्या आप बता सकती हैँ कि
FOr ex. 20 से लेकर 400 तक कितनी अभाज्य साख्यायेँ हैँ?, का कोई Formula है?
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